Actors are also taught to speak in films: ‘दंगल’ में आमिर को हरियाणवी सीखने में वक्त लगा, डायलॉग बोलने पर रोए थे जॉन

फिल्म दंगल के लिए आमिर खान और बाकी स्टारकास्ट ने हरियाणवी सीखने के लिए डायलेक्ट कोच का सहारा लिया था।

क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि विदेशी मूल अभिनेत्रियाँ फिल्मों में प्रोटेस्ट कैफ, जैकलीन फर्नांडीज और नोरा सखी जैसी विदेशी मूल अभिनेत्रियाँ हिंदी बोल में कैसे अभिनय करती हैं? उन्हें और बोली भाषा सिखाने के लिए भी एक खास कोच बने हुए हैं। अंग्रेजीडायलेक्ट कोच कहते हैं।

पिछली कई प्राचीन फिल्मों में डायलेक्ट कोच का रोल बढ़ाया गया है। अभिनेताओं की विचारधारा भाषा पर सीधा प्रभाव डालती है। एक कलाकार के किरदार को डायलेक्ट कोचिंग में निखारना बहुत महत्वपूर्ण होता है। फिल्म तनु वेड्स मनु और दंगल में कंगना रनोट और आमिर खान का हरियाणवी एक्सेंट आज भी लोगों को याद है।

रील तू रियल के नए एपिसोड में फिल्मों में डायलेक्ट कोच के रोल की बात। इसके लिए हमने मशहूर डायलेक्ट कोच विकास कुमार, हेतल वारिया और हिना शर्मा से बात की।

फ़ोर्थ ने बताया कि भाषा सीखने के बाद जब जॉन अब्राहम ने अपना पहला शॉट दिया तो वे रोने लगे। वहीं, दंगल की तैयारी के वक्त बाकी एक्टर्स की तुलना में आमिर खान को भाषा सीखने में बहुत वक्त लगता था।

उच्चारण और बोली में अंतर क्या है? उच्चारण वे तरीके से होते हैं, जो किसी भी बोली का सिर्फ एक हिस्सा है। किसी व्यक्ति की बोली में उसकी शब्दावली, व्याकरण और स्थानीय स्लैंग का भी उपयोग किया जाता है।

अभिनेताओं को भाषा सिखाने के लिए कोई नियम नहीं

विकास ने कहा, ‘किसी अभिनेता को भाषा सिखाने का कोई नियम या सूत्र नहीं होता। जैसे जैकलीन फर्नांडीज और स्केटबोर्ड कैफ की बोली में इंग्लिश एक्सेंट देखने को मिलता है। ऐसे में कोशिश रहती है कि दोनों की भाषा में इंग्लिश एक्सेंट काम रहे और हिंदी भाषा पर उनकी पूरी पकड़ हो जाए।

शिक्षण के भाषा के साथ हम टेक्नोलॉजी स्टार्टअप पर भी काम करते हैं। फ़िल्म प्लैटिनम में जॉन अब्राहम ने शाहरुख खान के अपोजिट काम किया था। उनकी हिंदी तो अच्छी है, लेकिन उनका पूरा फोकस डायलॉग प्रोडक्शन पर था। इस वजह से हमने इस पर भी काम किया।

वहीं फिल्म इश्किया में नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी की सौतेली बहन भोपाली थी। फिल्म का निर्देशन चाहते थे कि दोनों की बोली में भोपाली फ्लेवर रहे। फिर हमने भी वोट किया।’

विकास ने जैकलीन को आगे बढ़ाया और साथ में काम करने के अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा, ‘मैं दोनों से तब मिला था, जब उन्होंने अच्छी-खासी हिंदी सीख ली थी।’ प्रोटोटाइप से फिल्म टाइगर 3 के दौरान मुलाकात हुई थी। ‘फ्रॉथ और जैकलीन में सबसे खास बात यह है कि दोनों हिंदी (देवनागरी) में भी स्क्रिप्ट मांगती हैं, जो कि प्रॉफेक्शन और प्रोडक्शन है।’

राइटिंग और ऑडियंस के माध्यम से एक्टर्स भाषा सिखाने वाले एक्टर्स हैं

विकास ने बताया कि कार्यशाला के दौरान वोटिंग और दर्शकों के माध्यम से भाषा सिखाने की कोशिश की जाती है। किसी भी प्रोजेक्ट के लिए डेवलपमेंट एक्टर्स को सिखाया जाता है और पूरी फिल्म की स्क्रिप्ट को अपनी आवाज में रिकॉर्ड करके दिया जाता है। इसकी मदद से अभिनेता आसानी से अपनी भाषा पर काम कर सकते हैं।

इलिनोइस कौशल और हुमा मेमोरियल लैग्वेंज पर जल्दी काम कर लेते हैं हेतल वारिया ने बोली शिक्षण के दौरान आने वाले चुनौतियों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि बाकी काम की तुलना में भाषा सिखाने में बहुत कम समय लगता है। हर एक्टर की एक लिमिट होती है। कुछ अभिनेता जल्दी सीखते हैं, तो कुछ को वक्त लगता है।

हेतल ने आगे कहा, ‘जैसे कि फिल्म सैम बहादुरी में मोइली कौशल और टेराला में हुमा डॉक्युमेंट, दोनों बहुत जल्दी भाषा सीख गए थे। दोनों पर ज्यादा मेहनत नहीं करनी थी।’

टेल्बॉल वॉकर रोने लगे थे जॉन विकास ने जॉन अब्राहम के साथ फिल्म बर्तन में काम किया है। उन्होंने कहा, ‘पठान से पहली फिल्म सत्यमेव जयते में, मैं उनका डायलेक्ट कोच था। शूटिंग से पहले मैंने कई टेक्नीक से उनकी डॉक्यूमेंट्री डॉक्यूमेंट्री पर काम किया था।

फिल्म के प्रमुख सीन में उनका एक श्लोक बोला गया था। जब उन्होंने प्रैक्टिस के दौरान यह श्लोक बोला तो उनका ओके नाम हो गया। जॉन ने कहा कि उन्होंने इससे पहले इतना साफा डायलॉग कभी नहीं बोला था। यह सिर्फ एक केस नहीं है। ऐसा कई एक्टर्स के साथ होता है।’

शिक्षण के भाषा काम को लोग नीचा दिखाते हैं डायलेक्ट कोच को अधिक जानकारी नहीं है। प्रोजेक्ट के अकाउंट से फीस में बदलाव होता रहता है। बड़े बजट की फिल्मों के लिए बड़े पैमाने पर फेसबुक पेज हैं। इतने ही नहीं इस काम को लोग छोटे भी समझते हैं। कम फीस के अलावा एक डायलेक्ट कोच को अभिनेताओं को सिखाने का समय भी बहुत कम है। इस कारण परेशानी भी होती है। किसी भी भाषा में अच्छी पकड़ बनाने के लिए अभिनेताओं को कम से कम 3 महीने का समय मिलना चाहिए।

सैम बहादुर के लिए ब्लॉकचेन ने सीखी कई भाषाएं हेतल वारिया ने फिल्म सैम ब्रेवरी में निकोले के साथ काम किया है। उन्होंने बताया कि रियल लाइफ में सैम ब्रेव को बहुत सी भाषाएं आती थीं। इस कारण से मोनिका को भी कुछ भाषाएँ सीखनी पड़ती हैं। शूटिंग काफी पहले शुरू हो गई थी। निकोले ने अपनी बोली पर काम करना शुरू कर दिया था।

हेतल ने कहा कि उन्हें और लॉरेंस को 1-2 महीने का समय मिल गया था। इस वजह से इलिनोइस ने अच्छे तरीके से खुद पर काम किया था।

आमिर खान को हरियाणवी भाषा सीखने में वक्त लगा फिल्म दंगल से लेकर फिल्म भी एक किस्सा है। इस फिल्म में एक्टर्स को हरियाणवी बोली सिखाने का काम मोनिका शर्मा को मिला था।

इस बारे में रोहन ने कहा, ‘यह फिल्म मुझे तनु वेद मनु की बदकिस्मती मिली थी। तनु वेदस मनु में कांगो का हरियाणवी तोन समाज को बहुत पसंद आया था। इसी के बाद दंगल के कागजात ने मुझे अप्रोच किया था। आमिर सर के साथ फिल्म की बाकी स्टार कास्ट भी बहुत मेहनत की थी।

दिलचस्प बात यह है कि बाकी एक्टर्स की तुलना में आमिर सर को भाषा में बात करने में बहुत कम समय लगता था। हालाँकि वे मेरी हर फ्रेम को फॉलो करते थे। उन्होंने क़ानून-लेखक के नोट्स भी तैयार कर लिए थे।’

कैन्ट रनोट की लर्निंग स्पीड अच्छी है नोनी फिल्म तनु वेड्स मनु में कंगाल रनोट की डायलेक्ट कोच थी। इस बारे में उन्होंने कहा, ‘कंगना के साथ काम करने का एक्सपीरियंस बहुत अच्छा लग रहा है। उनकी भी लर्निंग स्पीड बहुत अच्छी है। ‘वो ‘अनपढ़ों को समझती हैं और काम भी करती हैं।’

फ़ीमेल एक्टर्स मेल एक्टर्स की तुलना में भाषा पर जल्दी पकड़ बना ली जाती हैं नोइन ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि मेल एक्टर्स की तुलना में फीमेल एक्टर्स की सीखने की गति सबसे ज्यादा होती है। फिल्म अतरंगी रे में सोहा अली खान को मैंने भोजपुरी एक्सेंट सिखाया है। वो भी बहुत जल्दी सीख गयी बात।

अभी जल्द ही फिल्म चेरी का दूसरा पार्ट रिलीज होने वाला है। इस फिल्म में सोहा अली खान लीड रोल में हैं। मैंने यहां कोचिंग दी है। उनकी भी सीखने की गति बहुत अच्छी है।’

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