ICF ने वंदे-भारत के स्लीपर कोच का प्रोडक्शन वर्जन दिखाया: 15 जनवरी तक तैयार हो जाएगी ट्रेन, 3 से 4 साल में एक्सपोर्ट करने की भी प्लानिंग


चेन्नई24 मिनट पहले

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वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच होंगे। ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की सॉसेज से।

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने आज (23 अक्टूबर) वंदे भारत ट्रेन के स्लीपर कोच का प्रोडक्शन वर्जन पेश किया है। स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन जल्द ही लॉन्च की जाएगी। आईसीएफ के जनरल मैनेजर ‘बीजी माल्या ने बताया कि, ये ट्रेन 15 जनवरी तक तैयार हो जाएगी।’

चेन्नई स्थित टीम के कोच माल्या ने बताया, ‘फिलहाल भारत में स्कोडा की मांग इतनी अधिक है कि हमारी ऑर्डर बुक भरी हुई है और हमारे पास एक्सपोर्ट के लिए अधिक ट्रेन बनाने की क्षमता नहीं है। 3-4 साल में हम एक्सपोर्ट पर भी विचार करना शुरू कर सकते हैं।’

स्लीपर कोच की तरह ही एक लाइन में तीन स्लीपर शामिल हैं।

नेशनल आरडीएसओ से रसायन शास्त्र बैठक के बाद आईसीएफ के जनरल मैनेजर ने कहा, ‘अभी तक हमने चेयर कार रैक का उत्पादन किया है, लेकिन ट्रेन की प्राथमिकता के कारण रेलवे बोर्ड ने हमें स्लीपर वर्जन का उत्पादन करने के लिए कहा है।

वैसे, हमारे पास पहले से ही कई ऑर्डर हैं, इसलिए हम पीएमएल डिजाइन के साथ शेयर करते हैं, जो इसका निर्माण करते हैं। इसके बाद कमीशनिंग के लिए यह हमारा पास उपलब्ध है। यहां से कोच लखनऊ आरडीएसओ आउटपोस्ट रजिस्ट्रेशन के लिए जाएं, जहां से इसके लिए स्लोगन के लिए सर्टिफिकेट-पत्र मिलेगा।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की तस्वीरें…

चेन्नई में स्थित टीजीआरएल कोच मसाला (आईसीएफ) में स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन का मापदण्ड।

बीच वाली सीट को डॉक्यूमेंट करने पर यात्रियों को आर्म रेस्ट भी मिलेगा।

रेल मंत्री ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का मॉडल दिखाया इससे पहले केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसी साल 1 सितंबर को वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के पहले मॉडल की झलक दिखाई थी। वे बेंगलुरु में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) की फैक्ट्री में ट्रेन का निरीक्षण करने गए थे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को 800 से 1200KM की दूरी की यात्रा के लिए तैयार किया गया है। यात्री रात करीब 10 बजे चढ़ेंगे और सुबह गंतव्य पर पहुंचेंगे। यह ट्रेन मिडिल क्लास के लिए बनाई गई है। यह नगर पालिका राजधानी के लिए आसान ही होगा।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बीईएमएल कंपनी के इंजीनियर्स के साथ ट्रेन के अंदर बैठे।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच हैं। इनमें 11 3एसीआई, 4 2-एसीआई और एक 1-एसीआई कोच हैं।

रेल मंत्री ने बीईएमएल में वंदे स्लीपर कोच का निरीक्षण किया। वे लोको पायलट के केबिन में भी गए।

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के कोच में टूर का टूर लिया।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के बाहरी लुक।

रेल मंत्री बोले- दुनिया की सबसे बेहतरीन सिक्कों की गिनती होगी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, ट्रेन में कपलर मैकेनिज्म की नई तकनीक रखी गई है। इससे ट्रेन का वेट कम होता है और स्ट्रेंथ चिपचिपा होता है। कपलर दो कोच को जोड़ने वाला हिस्सा होता है। यह ऑस्टेनिटिक स्टील से बनता है।

रेल मंत्री का कहना है कि ट्रेन को ब्लॉक टाइम और स्थिरता पर ध्यान दिया गया है। गाड़ी और ट्रैक के बीच का हिस्सा खास तरीके से डिजाइन किया गया है। इससे ट्रेन के अंदर के वाइब्रेशन और आवाज कम आएंगे।

अश्विनी वैष्णव ने दावा किया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की गिनती दुनिया की सबसे बेहतरीन रिकॉर्ड्स में होगी। ट्रेन के कोच और बाथरूम की वकालत की गई है। ट्रेन में कई साज़िश सुविधाएँ हैं। मेंटेनेंस स्टाफ के लिए एक अलग केबिन बनाया गया है।

लंबी दूरी की यात्रा का समय कम होने की उम्मीद है वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की लॉन्चिंग के साथ भारतीय रेलवे का लक्ष्य लंबी दूरी की यात्रा का समय कम करना है। खासतौर पर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता जैसी लंबी दूरी के यात्रियों को काफी सुविधा मिलती है। हालाँकि ट्रेन किस रूट पर, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है।

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