US Federal Reserve cuts interest rates by 0.25%

अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने 0.25 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखी है। अब अमेरिका में प्रमुख ब्याज दर 3.75-4 प्रतिशत की सीमा में आ गया है। यह फेड की ओर से ब्याज दर में इस साल दूसरी कटौती है। इससे पहले सितंबर 2025 में भी इतनी ही रेट कट की गई थी। फेड ने यह भी घोषणा की कि वह 1 दिसंबर से अपने एसेट पर्चेज कार्यक्रम को बंद कर देगा। इसका मतलब यह है कि बाजार में अब पहले से ज्यादा लोकप्रियता बनी रहेगी।
फेड की ओर से स्टॉक्स के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में बुधवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हो गया। डाउ जोन्स और एसएंडपी 500 जहां गिरावट में रहे, वहीं टेक कंपनी के स्टॉक में गिरावट नैस्डैक पर चढ़ गई। एशियाई उद्यमों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225, चीन का एसएसई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़त में रहे।
भारतीय प्रभाव पर असर
एनालिस्ट्स का मानना है कि अमेरिका में स्मारक नीति में शामिल प्लांट से लेकर भारत समेत उभरते उद्यमों में विदेशी कंपनियों का निवेश बढ़ सकता है। ब्याज दर घटने से अमेरिकी बांड पर उपज घटेगी। ऐसे में हो सकता है कि विदेशी व्यापारी सबसे ज्यादा पैसे कमाने के लिए बाजार में उतरें। ऐसे में लार्गे टर्म के लिए फेड का यह निर्णय भारतीय बाजार के लिए परीक्षण रखा जा सकता है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी शेयर बाजार के शेयरधारक (FII) बुधवार को सेलर रहे। उनकी शुद्ध रूप से 2,540.16 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है।
प्लास्टर-निफ्टी गोले
भारतीय शेयर बाजार में 30 अक्टूबर को गिरावट है। फैक्ट्री लाल निशान में 84,750.90 पर खुला और फिर पिछली बार 530.1 अंक टूटकर 84,467.03 के लो तक चला गया। एनआईसी भी गिरावट के साथ 25,984.40 पर खुला और फिर 161.65 प्वाइंट लुढक्कर 25,892.25 के लो तक चला गया।
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