Sudhanshu Pandey became the voice of Hulk in the audio series
इस बड़े प्रोजेक्ट से जुड़े सुधांशु पैंडेल ने डेली भास्कर के साथ अपना अनुभव साझा किया है-
सवाल- मार्वल से आपका फेवरेट किरदार कौन है। इस ऑड सीरीज का ऑफर कैसा मिला?
उत्तर- मार्वल की मैंने सारी फिल्में, सीरीज देखी हैं। मेरे दोनों बच्चे इस यूनिवर्स के बड़े फैन हैं, उन्हीं की वजह से मैंने भी इस क्लासिक बैनर के सभी प्रोजेक्ट देखे हैं। साथ ही ‘हल्क’ का किरदार मेरा पसंदीदा है। खुशकिस्मती से मुझे ऑडिबल की इस सीरीज के इस किरदार के लिए आवाज देने का मौका भी मिला।
हल्क के किरदार से मैं सबसे ज्यादा रिलेटेड हूं। वह मुझे जब इस ऑडो बुक का ऑफर मिला। यह ऑफर मेरे एक दोस्त रुद्र उनके जरिए मुझसे तक आए। आज के समय में जब लोगों के पास किसी प्रोजेक्ट को देखने का समय नहीं मिलता है तो इस तरह की एड बुक सीरीज उन्हें विजुअल के बिना एक अलग दुनिया में ले जाती है। मुझे लगा कि एक नए प्रयोग के लिए मेरे पास एक बेहतरीन मौका आया है, इसे अलग-अलग क्यों न किया जाए।
प्रश्न- हल्क को आवाज देने के लिए क्या सलाह है हिंदी डबिंग फिल्में भी देखें?
उत्तर- मैंने मार्वल सीरीज की हिंदी डबिंग फिल्मों के लिए इस किरदार को आवाज देने के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मैंने इसे अपने तरीके से आवाज दी है जो दर्शकों को पता चलता है। बाकी फिर से उसे मिलाने और प्रभाव डालने का काम किया गया है। एक्टर्स के लिए ये बड़ी चुनौती उनके सामने होती है कि एक ऐसे किरदार को अपना बनाना है जिसे दर्शकों ने दूसरी बार किसी आवाज के साथ देखा और सुना है तो मैं बिल्कुल कोरे पेपर की तरह की डबिंग के लिए पहुंचा था।
इसमें मेरा जो स्टाइल है, उसमें शामिल किया गया है। मैंने पूरी कोशिश की है कि मेरी आवाज का जो इम्पैक्ट हो जाए उसे लगे कि हल्क अभी नाराज हो गया है। मुझसे उम्मीद है कि वह लोगों को पसंद आएगा।
सवाल- किसी और हॉलीवुड के प्रोजेक्ट के लिए भी ऑफर आया है?
उत्तर- इस सीरीज में हल्क के किरदारों को आवाज देने के बाद अभी तक किसी और प्रोजेक्ट के लिए कोई ऑफर नहीं आया है, मैं श्योर हूं कि इसके बाद और भी ऐसे किरदारों के ऑफर जरूर आएंगे। मेरी इकलौती जैकी चेन स्टार हॉलीवुड फिल्म ‘द मिथ’ थी, जिसके लिए मैंने आवाज दी थी। उसके बाद से कोई ऑफर नहीं मिला। भविष्य में मेरा प्लान है कि हॉलीवुड से और भी कुछ इंडक्शन। मार्वल में मुझे हल्क के अलावा आयरन मैन का किरदार काफी पसंद है। मुझे लगता है कि अगर कोई कैरेक्टर ऑफर हो तो मुझे जरूर सोचना चाहिए।
सवाल- ‘बेटा’ शो में आने के बाद आपके हीरोइक स्टेज कहीं न कहीं डाउन हुए, क्या आप मानते हैं?
उत्तर- मुझे लगता है कि ये हीरो वाला कॉन्सेप्ट बहुत पहले ख़त्म हो गया था या कह लें कि डायल्यूट हो गया था। आज की डेट में देखें तो हीरो का रियल फॉर्म में कोई नहीं रहा। हमारी फिल्मों में विलन बहुत मजबूत होते थे। विनोद खन्ना या शत्रुघ्न सिन्हा को देखिए साथियों, विलेन के किरदारों की शुरुआत। हालाँकि वह हीरो जैसे ही थे। बाद में सुपरमार्केट हीरो भी स्टूडियो में आ गया। मैंने करियर की शुरुआत में बहुत ऐसा काम किया जिसमें लीड रोल या हीरो रहा। बीच में जब मैं म्यूजिक में (बैंड ऑफ बॉयज) चला था, तो वह कहीं नहीं कहीं ब्रेक हो गया। फिर मैंने रिटर्न की और दो हीरो वाली फिल्मों में अहम रोल किया।
सुधांशु पैंडेज़ ने 1996 के शो बेटे से लेकर महान कलाकारों की शुरुआत की थी।
प्रश्न- रोल्स में आने की क्या वजह रही?
उत्तर- ‘बैंड ऑफ बॉयज’ से वापसी के बाद जिसने पहली बार रोल किया वह ‘सिंह इज किंग’ था। मैं अक्षय के साथ फिल्म में काम कर रहा था, इससे पहले मैंने ‘खिलाड़ी 420’ से उनकी फिल्मी शुरुआत की थी। जब ‘सिंह इज़ किंग’ के साथ मेरे मैनेजर ने कहा तो मैंने कहा कि मैं पागल हो गया था और मुझे टुकड़े-टुकड़े रोल के लिए बुलाया था। फिर उन्होंने मुझे बताया कि ये एक बड़ी फिल्म है, जिसमें सभी किरदार बहुत जरूरी हैं।
फिर मैं अनीस बज्मी से मिला तो उन्होंने मुझसे कन्विंस कर लिया। साथ ही ये भी बताया कि अक्षय के अलावा आपका ही किरदार है, जिसका पर्सनल लव एंगल भी है कि वह क्रिमिनल क्यों बना है। उनका परिवार क्यों दूर है।’
सवाल- आगे किस तरह के एक्टर की ख्वाहिश है?
उत्तर- अब मैं ‘जोकर’ के रूप में कोई कलाकार प्ले करना चाहता हूं। आज की तारीख में हीरो की परिभाषा बदल गई है। सॉसेज रोल का मतलब है कि आप अलग-अलग किरदार निभाते हैं। पहले जो हीरो थे वो एक ही चीज करते थे कि अच्छा, अच्छा ही सोचेगा और अच्छा ही बनेगा पर आज की डेट में हीरो और विलन सब मर्ज हो गए, सब ग्रे हो गए। अनुपमा में भी मेरा किरदार वनराज ग्रे रह रहा है। अब रियल स्टैटिस्टिकल फिल्में ज्यादा बनने लगी हैं। अब इंसान में ही भगवान है और इंसान में ही शैतान भी है।
सुधांशुराज ने अनुपमा शो में वन का रोल प्ले किया था।
प्रश्न- क्या कुछ नया एक्स्प्लोर करना चाहते हैं?
उत्तर– बाकी बिजनेस में नई चीजें एक्सप्लोर करने का तो कोई अंत ही नहीं है। मुझे ऐसा लगता है कि अभी तो मेरी शुरुआत भी नहीं हुई है। ऐसे प्ले करें जो लोग पूरी जिंदगी याद रखें। जैसे मुझे इन दिनों वनराज के किरदार की बहुत सराहना मिली। मेरा ऑल टाइम फेवरेट साथी है, ‘जोकर’ का। अगर मौका मिले तो प्ले करना जरूर देखें।
सवाल- क्या कभी किसी प्रोजेक्ट या एक्टर को छुट्टी का पछतावा भी मिला?
उत्तर- बाकी अच्छी-खासी चीजें तो हम जीवन भर आते रहते हैं लेकिन कभी किसी फिल्म या किरदार को छोड़ने का जिक्र नहीं करते। मुझे लगता है कि हर गलती से हम ही सिखाते हैं। आज मैं जो कुछ भी हूं उसके अनुरूप की वजह से हूं या अपने प्रियजनों की वजह से हूं, जिसमें मैं सही मानक हूं। मुझे ऐसा लगता है कि मेरा जो करियर अब तक बहुत ही धीरे-धीरे चल रहा है, वह अच्छा ही डिजाइन जैसा नहीं था, वह मेरी पसंद थी। मैंने अपनी नौकरी पर हमेशा काम किया, कभी कोई सैंचमेंट नहीं लिया, कोई समझौता नहीं किया। मेरा अगला प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट के लिए होगा।