Stock market: शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता अहम, अमेरिका से हो सकता है अच्छी खबर – भारतीय बाजारों की नजर अगले सप्ताह यूएस फेड की बैठक पर, संभावित दर में कटौती से धारणा में सुधार हो सकता है

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Stock market: शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता अहम, अमेरिका से हो सकता है अच्छी खबर – भारतीय बाजारों की नजर अगले सप्ताह यूएस फेड की बैठक पर, संभावित दर में कटौती से धारणा में सुधार हो सकता है

Stock market: भारतीय शेयर बाजार के लिए इंडियन शेयर बाजार (27 से 31 अक्टूबर) बेहद अहम साबित हो सकता है। अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस फेडरल रिजर्व) की नीति समीक्षा बैठक पर नजर टिकी हुई है। यह बैठक 28-29 अक्टूबर को होगी। उम्मीद है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक लगातार दूसरी बार ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकता है।

अगर ऐसा होता है तो इससे इमर्जिंग मार्केट्स में विदेशी निवेशकों का निवेश बढ़ेगा और सेंटिमेंट में सुधार की संभावना बनी रहेगी। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी देखा जा सकता है।

फेड से दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है

फेड ने इससे पहले 17 सितंबर 2025 को ब्याज बहाली में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की थी। नोमुरा के मुताबिक, फेडरल रिजर्व इस बार अपनी क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (क्यूटी) नीति को खत्म करने की भी घोषणा कर सकता है।

नोमुरा का कहना है कि हाल के ऐतिहासिक में फेड अधिकारियों के गोदाम से यह साफा संकेत मिल चुका है कि ब्याज दरों में कटौती की तैयारी पहले से चल रही है।

फेड के संस्थापक सबसे पहले ही स्पष्ट

ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने भी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हाल के दिनों में अमेरिकी मनी मार्केट्स में अस्थिरता का तनाव देखा गया है। यही कारण है कि फेड बास्केटबॉल जेरोम पॉवेल ने हाल ही में क्वांटिटिविटी टाइटनिंग के जल्द ही खत्म होने का संकेत दिया था।

जेफरीज का कहना है कि क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (क्यूटी) का यह चरण अब समाप्ति के करीब है और संभावना है कि फेड आने वाले महीनों में फिर से क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (क्यूटी) का विस्तार करेगा। यानी नए बांड खरीद कार्यक्रम (क्यूई) की शुरुआत हो सकती है।

भारतीय बाजार पर असर

भारतीय शेयर बाजार के लिए यह बैठक बेहद अहम है। अगर फेड रिक्वेस्ट में निवेश करता है, तो इसका विदेशी निवेश के फ़्लो पर असर दिख सकता है। निवेशकों के शेयरों में गिरावट और बॉन्ड यील्ड में गिरावट से मजबूत डॉलर हो सकता है, लेकिन निवेशकों के शेयरों में नई तेजी देखने को मिल सकती है। हालाँकि, यदि पॉवेल ब्याज दरों में कटौती की संभावना को टालते हैं, तो बाजार में अल्पावधि और समायोजन भी देखने को मिल सकता है।

डिस्कलेमरः Cofanws स्टार्स/ब्रोकरेज फर्मों की ओर से नीचे दिए गए विचार और निवेश की शर्तें उनके पास हैं, न कि वेबसाइट और न ही उनके शेयरों के। मनीकंट्रोल यूजर की सलाह है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टी पार्टनर से सलाह लें।

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