Pitru Paksha: अभी पितृ पक्ष चल रहा है और यह पक्ष 2 अक्टूबर तक रहेगा। इन दिनों में मृतकों की मृत्यु तिथि के अनुसार श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि धर्म-कर्म किये जाते हैं। सिद्धांत यह है कि पितृ पक्ष में परिवार के पितृ अपने वंश के लोगों के घर आते हैं और हमारे द्वारा दिए गए धर्म-कर्म से आशीर्वाद लेते हैं।
Pitru Paksha till 2nd October
Pitru Paksha till 2nd October
मज़बूरी के ज्योतिष पंचाचार्य. मनीष शर्मा के अनुसार परिवार के जिन देवताओं की मृत्यु तिथि का उल्लेख नहीं किया गया है, उनका श्राद्ध कर्म सर्वपितृ मोक्ष भंडार (2 अक्टूबर) को किया जाना चाहिए। आजकल धूप-ध्यान करने के बाद ब्राह्मण, दादा, भांजा, मामा, गुरु, नाती के अलावा घर के बाहर लोगों को भी भोजन खिलाना चाहिए। अपनी रेटिंग के हिसाब से प्रतिदिन धन, अनाज और भोजन का दान करना चाहिए।
जानिए पितृ पक्ष में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- पितृ पक्ष के दिनों में घर में साफ-सफाई और शांति बनाए रखनी चाहिए। सिद्ध है कि जिन घरों में गंदगी रहती है, लड़ाई-झगड़े होते हैं, वहाँ पितरों की तृप्ति नहीं होती। पितर वंश के ऐसे लोग जिनसे खुश रहते हैं जिनके घर में मित्र प्रेम बने रहते हैं।
- आजकल गुस्सा नहीं करना चाहिए। नशा और माँसाहार भी न करें। सभी प्रकार के अधार्मिक कर्मचारियों से दूर रहना चाहिए। अन्य के लिए बेइज्जत विचार न रखें।
- ध्यान रखें घर में सभी का सम्मान करें, किसी भी सदस्य का अपमान न करें। कुत्ते, गाय और कुत्तों के लिए चिंता न करें, इनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था अवश्य करें।
- पितरों के लिए धूप-ध्यान और दान-पुण्य कर रहे हैं तो खाने में लहसुन-प्याज का उपयोग करना वर्जित है।
- पितरों को तर्पण करने के लिए समय-समय पर जल में गंगाजल, दूध, पानी, जौ, चावल भी मिलाना चाहिए। पिंडदान के लिए पिंडदान के लिए चावल के साथ दूध और तिल का भी उपयोग करें।
- श्राद्ध पक्ष में रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए। श्राद्ध कर्म करने के बाद पितरों से जन्म-अंजानि के लिए क्षमा मांगें।
- प्रतिदिन शाम को पितरों का ध्यान करते हुए घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक जलाना चाहिए।
- पितृ पक्ष की नवमी तिथि पर मृत सुहागिन महिलाओं को श्राद्ध कर्म करना चाहिए।
- एकादशी तिथि पर जो मृत लोग संत थे, उनका श्राद्ध करें।
- चतुर्दशी तिथि पर शस्त्रों से और किसी दुर्घटना में मरे हुए लोगों का श्राद्ध करें। इसी दिन आत्महत्या करने वाले लोगों का भी श्राद्ध करें।