3 दिन पहलेलेखक: इफत लिबरेशन
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कहा जाता है कि नाजायज नक्षत्र का अंत सदैव ही होता है। ये कहावत है पटना की मॉडल मोना राय नीतानी देवी की हत्या की गुत्थी स्टोन में अहम साबित हुई। 12 अक्टूबर 2021 को मंदिर से लौटकर मोना राय पर गोलियां चलाई जाती हैं। विस्ट के 5 दिन बाद उनके इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है। जीत-जी जब मोना से पूछताछ की गई, तो वो बस यही दोहराती रही कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। हालाँकि जब जांच हुई, तो रेज़ों, बज़ियों की लंबी फ़हरिस्त सामने आई।
आज अनसुनी दास्तान के 3 चैप्टर में पढ़ें पटना की मॉडल मोना राय के हत्याकांड की कहानीवार-
12 अक्टूबर 2021, नवरात्रि का सातवां दिन था।
पटना की जानी-मानी मॉडल मोना राय नाइटी देवी ने नवरात्रि का व्रत रखा था और वो रोज माता के दर्शन करने के लिए घने मंदिरों में जाती थीं। उस रोज भी वो अपनी 12 साल की बेटी आरोही को लेकर स्कूटी से मंदिर गई थी। मोना राय दर्शन कर पटना के राजीव नगर के बसंत विहार कॉलोनी स्थित घर लौट आईं।
उन्होंने बेटी को स्केच से उतारा, जो चैनल गेट से अंदर जाने लगी। मोना बेटी को गंतव्य के बाद गाड़ी चलाने वाली जगह, दरवाज़े के चंद कदमों की दूरी पर ही अचानक 2 बाइक से उनकी निकटतम दूरी की दूरी बताई गई।
मोना कुछ प्रश्नोत्तरी या स्वार्थी उद्देश्य, आपने पहले ही बाइक पर पीछे बैठे विशेष ने उन पर गोल दागनी शुरू कर निर्धारण किया। खून से मोना जहां गिर गया, जिसमें देखते ही बेटी ने सहरकर चीखना शुरू कर दिया। बच्ची की चीखें और लड़कों की आवाजें सुनकर आस-पडोस के लोग इकट्ठा हो गए। हमलावर हथियार कर भाग निकले।
मोना दर्द से कराह रही है। उन्हें एंटरप्राइजेज- एंटरप्राइज़ प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया। अस्पताल वालों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद केस फाइल कर मामले की जांच शुरू की गई।
हर किसी का सवाल था कि एक घरेलू महिला और मामूली मॉडल मोना राय की किसी से ऐसी क्या दुश्मनी रही होगी, जो उन पर इस बर्बरता से हमला कर दिया। हमलों में मोना के शरीर के छोटे हिस्से पर लगी थी, जहां उनका किडनी डैमेज हो गया था। प्राइवेट हॉस्पिटल में सही इलाज नहीं मिल पाया उन्हें आईजीआईएमएस (इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में इलाज कराया गया, जहां उनकी सर्जरी हुई।
मोना के सामने आए पटना पुलिस ने पूछताछ शुरू की। हालाँकि मोना कराहती ने आवाज में बस यही कहा कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, न ही उन्हें किसी पर शक है।
अस्पताल में पुलिस के साथ-साथ मोना राय से मिलने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसी बीच पुलिस की नजर एक ऐसे खास पर पड़ी जो मोना से मिलने के लिए उतावला थी, हालांकि मोना का परिवार उसे देखकर ज्यादा खुश नहीं था। पुलिस ने पूछताछ की तो सामने आया कि उस शख्स का नाम बेडरूम है, जो शहर का नामी बिल्डर है। लंबे समय तक वृद्धों और मोना के बीच नाजायज संबंध थे।
रियल एस्टेट बिल्डर के अस्पताल में स्थापित पुलिस के लिए मामले की अहम कड़ी साबित हुई। पुलिस ने जब हमले के अगले दिन ही जंगलों से पूछताछ की तो पता चला कि उसका 9 साल से मोना से रिश्ता था। दोनों की बार-बार मुलाकातें हुईं और इस बात की खबर दोनों के परिवारवालों को भी मिली। संबंध सभी को खटकता था, लेकिन दोनों परिवार सेकांस्टेंट अनबन के साथ थे।
रियल एस्टेट बिल्डर ने मोना से दूसरी बात तो की, लेकिन उसके तार हत्या से जुड़ते नजर नहीं आए। पुलिस ने बिल्डर के यहां स्थित चंद्रकुटीर अपार्टमेंट में किराए पर मकान भी ले लिया, जहां वो मोना के साथ आराम फरमाता था। घर में हत्या से कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन शराब की बोतलें मिलने से पुलिस ने उस पर पैसा गिरा दिया। बिहार में शराब पर प्रतिबंध के खिलाफ, ऐसे में अवैध शराब की तस्करी और उसके सेवन पर पुलिस ने बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
वहीं दूसरी तरफ मोना की हालत लगातार बनी हुई थी। आए दिन मोना से पूछताछ हुई थी, लेकिन नतीजे शून्य ही रहे। मोना ने भी जंगलों में बिल्डर से रिश्ते होने की बात आइडेंटिफाई की थी, लेकिन उन्हें जंगल पर शक नहीं था। 5 दिन के सपने ही थे कि 17 अक्टूबर की सुबह जिंदगी और मौत के बीच उठी मोना ने दम तोड़ दिया। गोली उनकी किडनी को छलनी कर दी गई थी, जिससे पहले किडनी और फिर अन्य ऑपरेशनों पर काम करना धीरे-धीरे बंद कर दिया गया था। हमलों का मामला अब हत्या के मामले में पीड़ित हो चुका था।
पोस्टमॉर्टम के बाद ली गई मोना राय की तस्वीर।
पटना, बिहार की रहने वालीं मोना राय नीता इटालियन देवी एक घरेलू महिला हैं। उन्होंने फोटो कॉपी की दुकान वाले सुमन कुमार से शादी की थी, जिससे उनके दो बच्चे आरोही और नैतिक हैं।
साल 2012 के आसपास मोना राय की मुलाकात फुलवारी सरफराज में रहने वाले रिचर्ड्स बिल्डर से हुई थी। तेलुगु अविवाहित थे और उनका एक बेटा भी था। दोनों में दर्शनें उगते फूल और समय के साथ दोनों का नाजायज रिश्ता जुड़ने लगा।
ओल्डर बिल्डर से मुलाकात के बाद मोना का रहन-सहन लगा था। मिडिल क्लास मोना से सामूहिक खर्ची हो गई, बच्चों का स्कूल में दाखिला हो गया और खुद भी पढ़ाई करने लगी। साल 2020 में उन्होंने बिहार को मिसेज पेज में भी हिस्सा लिया और टॉप-3 फाइनलिस्ट रहे। इसके बाद ही उन्हें कई लैंडस्केप प्रोजेक्ट की बैठक में शामिल होना पड़ा। रेस्टॉरेंट वर्ल्ड से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना नाम अनंत देवी से सोना मोना राय कर लिया था।
मोना ने मिस ग्लोबल बिहार में भी हिस्सा लिया था, जिसमें उन्हें बेस्ट आई का टैग मिला था।
अधिकांश दिनों तक मोना और आरोही के लोग अपने परिवार से मिले नहीं रहे। दोनों के परिवार को उनकी नाजायज यात्रा से दोस्ती थी। यही वजह रही कि मोना के पति सुमन अपने परिवार के साथ फुलवारी सरफराज से राजीव नगर के बसंत विहार शिफ्ट हो गए थे, जहां मोना की हत्या हुई थी।
जिस तरह से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था, उसका साफा था कि ड्रॉप-डाउन सूची वाले पेशेवर थे, जिसमें सुपारी दी गई थी, लेकिन सवाल था कि मामूली मॉडल की सुपारी कौन दे सकती थी। क्या रेजिडेंट बिल्डर ने मोना से चेस्ट डेस्टिनेशन के लिए अपनी सुपारी दी थी? मोना के नाजायज अंदाज से परेशान पति सुमन ने क्या कहा? या फिर किसी और को गोली मारने आए थे, लेकिन धोखे में मोना पर गोली मार दी?
इन सवालों के जवाब पाने के लिए पटना पुलिस ने मोना के दोस्त बिल्डर बिल्डर पर सलाह दी। यह भी सामने आया कि 4 महीने पहले ही अरूबाडि़यों ने फुलवारी सरफराज इलाके में मोना के नाम पर प्लॉट खरीदा था। हर पेंटरे के सामने रहने के बावजूद जब आदिवासियों से कोई जवाब नहीं मिल सका, तो पुलिस ने आदिवासियों के परिवार की पड़ताल शुरू कर दी। सप्ताहभर की संकट के बाद तेलुगु बिल्डर के परिवार की तारिका भीम यादव से जुड़ें। पुलिस ने इस संबंध को स्थापित करने के लिए टेक्निकल सिद्धार्थ की मदद ली, जिसमें मौका-ए-वारदात के सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टावर नेटवर्क की मदद ली गई।
मोना राय पर जब हमला हुआ तो उनके कुछ ऐतिहासिक पहले तक भीम यादव का मोबाइल नंबर वही इलाके में सक्रिय था। आख़िरकार 25 अक्टूबर को पुलिस ने भीम यादव को भोजपुर से गिरफ़्तार कर लिया। शुरुआती पूछताछ में भीम यादव खुद को बेगुनाह बता रहे थे, लेकिन अचानक करने पर वो टूट गए।
भीम यादव की गर्लफ्रेंड के बाद पटना पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
भीम यादव ने पुलिस को दिए बयान में गवाही दी कि उन्हें मोना राय को मारने की सुपारी दी गई थी। 5 लाख रुपए में उन्होंने अपने साथियों शंकर कुमार और विक्टर के साथ सुपारी ली थी, एडवांस के तौर पर उन्हें 2 लाख रुपए मिले थे। वो लोग 1 महीने से राजीव नगर में किराए के घर पर रह रहे थे और अपाचे बाइक से मोना पर नजर रखे हुए थे। 12 अक्टूबर को मौका मिला दोनों ने वसीयत को अंजाम दिया। शंकर बाइक से जा रहा था, जबकि वास्तुविद् नाम के व्यक्ति ने मोना पर गोलियां चलाईं।
जब भीम ने पूछा कि पारी का मैनेजर कौन था, तो भीम की बात सुनकर उसे कोई आश्चर्य नहीं हुआ। असल में, मोना राय के केसिले का प्लॉट ‘आयरिशिया बिल्डर’ नहीं, बल्कि उनकी पत्नी शारदा देवी ने रची था। एक घरेलू दिखने वाली महिला थी इस हत्याकांड की मास्टरमाइंड।
श्रेया भीम यादव के विचारधारा के नाम के बाद पटना पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मस्जिद स्टोन का खंडन किया। पुलिस ने खुलासा किया कि मोना राय के साथ 9 साल पुराने बिल्डर डी.एस. में थे। इस बात की खबर उनके परिवार को भी थी, जिससे उनके घर में दिन भर अत्याचार हुआ था।
आंध्रप्रदेश के बिल्डर का नाबालिग बेटा भी पिता के अफेयर से था नाराज। कुछ महीने पहले जब मोना ने मोना के लिए 25 लाख रुपये का प्लॉट खरीदा तो इसकी खबर उनकी पत्नी शारदा और बेटों को भी लग गई। उन्हें डर था कि धीरे-धीरे-धीरे-धीरे अपना सब कुछ मोना के नाम कर देंगे और उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। मोना को रुड की जिंदगी से दूर करने के लिए शारदा देवी ने रची हत्याकांड की यह साजिश रची।
मोना को अपने रास्ते से हटाने के लिए शारदा देवी ने अपने स्टूडेंट राहुल की मदद ली और उन्हें 5 लाख रुपये में प्रोफेशनल स्टूडेंट राहुल हायर करने का काम दिया। 3 लाख प्रगति के रूप में दिए गए हैं, जबकि 2 लाख काम होने के बाद दिए गए हैं। इस बात को 3 महीने बीत गए, लेकिन ठीकठाक काम नहीं मिला।
आगबूला होडलां सारदा ने उस पर दबाव बनाते हुए कहा, तो राहुल ने उनसे मुलाकात की, सुदेश से मिले, जो आरा का रहने वाला था। वो सारदा का दूर का रोमानियाई लगता था। शारदा ने राहुल को दी हुई नैट सुदेश को दी बधाई। वो सुदेश ही था, जिसने अपने एक मिर्जा शंकर को सुपारी दी, जो एक स्टूडियो था। शंकर ने एडवांस लीज में ही अपने चचेरे भाई भोला और दूर के वर्चुअल आर्किटेक्चर को प्लान में शामिल किया।
इस योजना में बिल्डर का बेटा भी शामिल था। उन्होंने ही स्टार्स को मोना के घर का पता बताया और शक्ल दिखाई दी। एक महीने पहले ही शंकर, भीम और किराये ने राजीव नगर में रेकी करने के लिए मकान किराए पर लिया था। समय बीतने को था, लेकिन तीसरे काम को अंजाम नहीं दे रहे थे, ऐसे में शारदा ने उन्हें खतरनाक बताया कि अगर जल्दी काम नहीं किया गया तो वो आगे की ओर बढ़ेंगे।
12 अक्टूबर को शंकर को किसी काम से बुलाया गया था। इसी दौरान शारदा ने उन्हें खबर दी कि मोना नवरात्रि के मौके पर मंदिर वाली है। लीड मिले ही उन्होंने अपने साथियों को काम पर लगाया। दोनों स्टूडियो शॉट प्लॉट घर के बाहर बैठे थे, तभी मोना अपनी बेटी के साथ मंदिर से लौट आईं। दोनों ने मौके पर ही शेयर बाजार का जायजा लिया।
भीम की गर्लफ्रेंड के बाद मोना पर स्कॉर्पियों वाली ड्रामा कंपनी ने सरेंडर कर दिया, जबकि केस में 5 बदमाश अब भी पुलिस के आतंकियों से बाहर हैं। सभी की तलाश के लिए पटना पुलिस ने कई ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
3 साल बाद भी मास्टरमाइंड की तलाश पटना पुलिस में हुई
इस मामले में हमने पटना पुलिस से संपर्क किया। थाने में मौजूद कॉन्स्टेबल ने बिना नाम बताए सिर्फ इतनी जानकारी दी कि मोना राय हत्याकांड में अब तक मास्टरमाइंड शारदा देवी का अपराधी नहीं हो गया है। शारदा देवी और अन्य सामान की कुर्की (संपत्ति और सभी सामान सरकारी कब्जे में) कर दी गई है। ये मामला अब भी कोर्ट में है.
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