साउथ सिनेमा के स्टार चियान विक्रम की फिल्म ‘तांगलान’ तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम के बाद आज हिंदी में रिलीज हुई है। पा रणजीत के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में चियान विक्रम के अलावा पार्वती थिरुवोथु, मालविका मोहन, डैनियल कैल्टागिरोन और पसुपति की मुख्य भूमिकाएँ हैं। इस फिल्म की लंबाई 2 घंटे 30 मिनट है। डेली भास्कर ने इस फिल्म को 5 में से 3 स्टार की रेटिंग दी है।
फिल्म की कहानी क्या है?
फिल्म की कहानी 1850 के उत्तरी अरकोट के वेप्पुर गांव के पवित्र स्थान की है। एक ब्रिटिश अधिकारी कोलार गोल्ड फील्ड्स में सोना स्टॉक एक्सचेंज के लिए पासपोर्ट को बुलाता है। ब्रिटिश अधिकारी के मुखिया तंगलान (चियान विक्रम) से वादा करता है कि अगर वो लोग सोना बेचने में मदद करेंगे तो इसमें भी शामिल होना होगा। तंगलान अपनी पत्नी (पार्वती थिरुवोथु) के बच्चे और पूरे पकौड़े के समूह के साथ कोलार गोल्ड फील्ड्स में सोना दोस्त के लिए है। इस दौरान उनकी कुछ अलौकिक रहस्यमय शक्तियों की प्रतियोगिता होती है। क्या वह अपने ग्रुप के साथ सोना खोज में सफल होता है। इस दौरान और क्या-क्या सवारियां आती हैं। यह देखने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
स्टारकास्ट की अभिनेत्री कैसी है?
पूरी फिल्म की कहानी चियान विक्रम के कलाकार टेपलान के स्टूडियो-गिर घूमती है। पूरी फिल्म की कहानी नग्न के कंधे पर टिकी हुई है। अपनी भूमिका से उन्होंने एक अलग ही छाप छोड़ी है। तंगलान की पत्नी गंगम्मा के रूप में पार्वती थिरुवोथु का भी अभिनय प्रभावशाली और यादगार है। ब्रिटिश अधिकारी की भूमिका में डैनियल कैल्टागिरोन, अर्जुन अंबुदान और पसुपति ने अपनी-अपनी भूमिका से पूरी तरह से न्याय करने की कोशिश की है। आरती की भूमिका में मालविका मोहनन मजबूत, अलोकतांत्रिक रहस्यमय शक्ति के रूप में उभरकर आईं।
फिल्म का डायरेक्शन कैसा है? रंजीत को सरपट्टा परंबरा, कबाली और काली जैसी हिट फिल्मों के लिए जाना जाता है। फिल्म तंगलान की तो फर्स्ट हाफ में ऐसे कई पल आते हैं जो रोमांचित करते हैं। इसका लॉजिक हाफ लिटिल सा फ़्रांसीसी है। तकनीकी रूप से मजबूत है फिल्म।
साउथ की कुछ हिंदी डब फिल्मों में सबसे बड़ी कमी यह दिखती है कि संवाद और भाव के बीच सही तालमेल नहीं दिखता। इस फिल्म में भी ऐसा ही दिखा। सादृश्य दृश्यों में वह भाव नहीं दिखाता।
बीच-बीच में कहानी अपनी पकड़ खोती है। सीन को बेहतर बनाने के लिए स्क्रिप्ट पर थोड़ी और ध्यान देने की जरूरत थी। फिल्म में मालविका मोहनन का किरदार सरप्राइज पैक है। लेकिन मालविका मोहनन और उनके जनजाति के किरदारों को और बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता था।
फिल्म का म्यूजिक कैसा है? हिंदी फिल्मों के दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते हुए म्यूजिक पर काम किया जाना चाहिए। इस फिल्म का ऐसा कोई गीत नहीं जो दर्शक गुनगुना सके। फिल्म का जबरदस्त स्कोर प्रभावशाली है।
फ़ाइनल वर्डिक्ट, फ़िल्म देखें या नहीं? यह फिल्म एक अलग ही रोमांच की दुनिया में लेकर आती है। फिल्म सैमुअल विजी काफी अच्छी बनी है। हिंदी डबिंग के अकाउंट से कुछ खाते जरूर हैं। फिर भी इस फिल्म को एक बार जरूर देख सकते हैं।