Life sutras of Swami Avadheshanand Ji Giri
ये विश्व पुरा एक ही संकल्प से रचा गया है। एक ही परमात्मा अलग-अलग रूप में हर जगह मौजूद है। अनेकता में एकता का दर्शन हमारी संस्कृति ने पूरे विश्व को बनाया है। ईश्वर से अलग कुछ भी नहीं है, हर जीव का दर्शन होता है। प्रकृति में विभिन्नताओं में एक ही प्रकृति होती है, लेकिन अनेकों में एक ही सत्य है, एक ही परमात्मा है। इस सत्य को लोड करना चाहिए।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अजितानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में भगवान जानिए से जुड़ी किन बातों का ध्यान?
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