लोग बोले- तुम एक्टर बने तो नाम बदल देंगे: जानलेवा एक्सीडेंट हुआ, डर था फिल्म से निकाल दिए जाएंगे; आज शाहरुख-अक्षय से होती है तुलना


मुंबई44 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी और नवोन्वेषी त्रिमूर्ति

  • कॉपी लिंक

इस बार की सक्सेस स्टोरी में कहानी कार्तिक आर्यन की। कार्तिक पिछले 13 साल से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।

इंडस्ट्री का एक ऐसा आउटसाइडर जो फेसबुक और गूगल के माध्यम से मोबाइल पता करता था। एड्स लेने वाले का मुंह पर कहा गया कि तू कभी एक्टर नहीं बनेगा। कभी फिल्में मिल भी जाती थीं तो ऐन वक्त पर उन्हें हटा दिया जाता था। हालाँकि यह आरोप ही था कि ऐसी कठिनाइयां अपने सपनों को रचित नहीं पाईं।

हम बात कर रहे हैं एक्टर्स कार्तिक आर्यन की। मध्य प्रदेश के उदाहरण से लेकर बॉलीवुड के सबसे बड़े एक्टर्स में गाया हो कार्तिक कार्तिक की सक्सेस स्टोरी काफी दिलचस्प है। ऐसा हम कह रहे हैं, क्योंकि यहां तक ​​पहुंचने के लिए उन्हें कोई सहारा नहीं मिला। आज ये जहां पर हैं, इसके पीछे इनका प्राचीन लंबा संघर्ष और दृढ़ इच्छाशक्ति है।

संघर्ष से लेकर सफलता की कहानी, खुद कार्तिक की जंज़ी…

पेरेंट्स डॉक्टर, लेकिन स्थिति बेहतर नहीं थी कार्तिक एक मिडिल क्लास परिवार से जुड़े हुए हैं। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं, बावजूद इसके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। कार्तिक और उनकी बहन की प्रेमिका को पूरा करने के लिए माता-पिता को बहुत त्याग करना पड़ा था।

यही कारण है कि कार्तिक अपने स्ट्रगल से बहुत मोटिवेशनल हैं। वो अपनी मां को लड़ाके मानते हैं और जवानों के पद पर कदम रखते हैं।

बचपन में डॉक्टरी-इंजीनियरिंग के अलावा कुछ भी समानता नहीं थी कार्तिक के पेरेंट डॉक्टर हैं। जाहिर है, बचपन से ही उन्हें यही सिखाया गया था कि या तो डॉक्टर बनो या फिर इंजीनियरिंग करो। हालाँकि कार्तिक का मन फिल्मों में लगता था। उन्होंने कहा, ‘बचपन में तो मैं यही कहता था कि मैं डॉक्टर हूं या इंजीनियर।’

हालाँकि फिल्में देखते-देखते पता ही नहीं चला कि कब अभिनेत्रियों की दिशा का रुख लगा। मेरे घर में फिल्में बहुत देखी जाती हैं। हर सप्ताहांत पर मैं और मेरी बहन टीवी के सामने गए। बचपन में हमारे पास दो से तीन ही काम हुए थे। फ़िल्में, खेल-कूद देखना और बाहरी मनोरंजन।’

मुंबई में पढ़ाई का कोर्स बनाया उम्र के साथ-साथ कार्तिक के अभिनय में अभिनय का रुझान और बढ़ता गया। कार्तिक ने सोचा कि वे किसी भी तरह के अभिनय की दुनिया में जाएं, लेकिन इसके लिए मायानगरी मुंबई का सफर तय करना था। साथ ही वहां जाने के लिए किसी लड़के की भी जरूरत थी। घर वालों को नौकरियाँ क्या मिलीं?

इसी वजह से उन्होंने मुंबई और इसके आस-पास के कॉलेज में दाखिला लेना शुरू कर दिया। वे चाहते थे कि मुंबई साइंस की पढ़ाई भी कर लें और एंबियाई का भी काम हो जाए।

प्रतिदिन बिजली घंटे की दर से संचालित थे कार्तिक नव मुंबई में बेलापुर नाम की एक जगह पर किराए के मकान में रहते थे। वहाँ से रोज़ फ़्लोरिडा घंटे के गोदामों द्वारा अंधेरी निकोलस थे। अँधेरी में ही ज्यादातर फिल्में के रोए होते थे।

कार्तिक अपने साथ कपड़े ले जाते थे। कोबे वाली जगह पर कहीं वॉशरूम ढूंढते थे, ताकि चांग कर विला। कार्तिक को कई बार अमाइकल प्रस्तुति से भी रोका गया था। सिर्फ इसलिए क्योंकि वे बिना किसी मूल बातें निर्देशित किए वहां पहुंच गए थे।

ऐलिस फिल्म में भी काम किया, रिजेक्शन मीटिंग पर टूट पड़े थे कार्तिक ने बताया कि उन्होंने इंडस्ट्री में आने से पहले कई स्टूडियो फिल्मों में भी काम किया है। उन्हें यहां भी काम के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। वे सिर्फ एक तख्ती-तबाही कैमरे के सामने खड़े हो गए थे। कोई बड़ा रोल नहीं था। साथ ही बहुत सारा रिजेक्शन भी फेस करना था। कई बार कार्तिक का रिकॉर्ड टूट गया था। वे भी थे.

जिस दिन फिल्म मिली, उसी दिन स्टैच्यूर हुआ 2010-2011 के बीच का समय था। कार्तिक के सितारे अचानक चमकने लगे। वे एक तरह से लव रंजन की फिल्म ‘प्यार के पंचनामा’ के शौकीन तक पहुंच गए। वहां पर माउस सिलेक्ट भी हो गया। हालाँकि वहाँ से उनका ऑर्केस्ट्रा हो गया।

उन्होंने कहा, ‘ऑडिशन से वॉक टाइम मैं जिस रिक्शे में था, वो पलट गया। मेरा पैर फ्रैक्चर हो गया था. ऐसा लगा कि सारा सपना कहीं टूट गया। विचार आया कि बड़ी मुश्किल से तो फिल्म मिली है, अब कैसे शूट कर पाओगे। डर था फिल्म से बाहर न दिया जाऊं। हालांकि जब मैंने फिल्म की प्रोडक्शन टीम से रिक्वेस्ट की तो उन्होंने कुछ दिनों के लिए योजना आगे बढ़ा दी।’

दो फिल्मों के बाद भी 12 लोगों के साथ एक पियाजा में रह गए थे ‘प्यार का पंचनामा’ करने के बाद कार्तिक ने लव रंजन की एक और फिल्म ‘आकाशवाणी’ की। दोनों से उन्हें अच्छी-खासी पहचान मिल गई थी। खास तौर पर ‘प्यार का पंचनामा’ में 5 मिनट का उनका मोनोलॉग काफी फेमस हुआ था। हालांकि इसके बाद भी दो फिल्में कार्तिक की स्ट्रगल रिलीज होने वाली हैं। वे अभी भी 12 लोगों के साथ एक ही पिएजा में रहते थे। उनके लिए सारा खाना बनाना बेकार था।

कार्तिक के साथ रहने वाले दोस्त भी ज्यादातर स्ट्रगलिंग एक्टर्स ही थे। कार्तिक अपने मां-बाप से भी इतने पैसे नहीं मांगते थे। इसलिए कभी-कभार खर्चे के लिए दोस्तों से उधार लिया जाता था।

2018 में मिली रियल सेक्स, इसके बाद बड़ी फिल्मों की लाइन लगी कार्तिक को असल मायनों में सक्सेस फिल्म ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ से मिली। इस फिल्म ने 100 करोड़ से ज्यादा का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया। इस फिल्म के बाद उन्हें बड़ी फिल्में मिलीं। कोविड के दौर में ‘भूल भुलैया-2’ ने 260 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर कार्तिक को एक कॉमर्शियल एक्टर के तौर पर स्थापित कर दिया।

सपना था कि बड़े घर में माता-पिता के साथ रहूँ हवेली कार्तिक का सबसे बड़ा सपना था कि वे मुंबई शहर में एक घर में माता-पिता के साथ रहें। लम्बा शहर महंगा था, इसलिए शुरुआत में इस सपने को पूरा करना मुश्किल था। हालाँकि थोड़ी सफलता मिलने के बाद उन्होंने पहली बार मुंबई में एक घर खरीदा, जहाँ वे अब माता-पिता के साथ रहते हैं।

शाहरुख-अक्षय से तुलना पर बोले- इन दोनों के लेवल पर भी बात नहीं की जा सकती कार्तिक की तुलना शाहरुख खान और अक्षय कुमार से होती है। कार्तिक इन दोनों स्टार्स एक ही तरह के आउटसाइडर हैं और इंस्टीट्यूट इंस्टीट्यूट के सबसे बड़े एक्टर्स में शामिल हैं। ऑडियन्स के शौकीन और वेल ही कार्तिक की तुलना शाहरुख और अक्षय से करते हैं, लेकिन इस बारे में खुद कार्तिक की राय कुछ और है।

उन्होंने कहा, ‘अक्षय और शाहरुख सर के साथ मेरी कोई तुलना ही नहीं है। उन दोनों की जर्नी काफी बड़ी रही है। दोनों ने कई प्राचीन काल तक लोगों के इतिहास पर राज किया। मैं खुद भी उन दोनों का फैन हूं। मैं उनके लेबल को नहीं छू सकता। हां, मेरी भी एक ऑडियन्स है, जो मुझे पसंद है। मेरी कोशिश रहती है कि वे अलग-अलग हो जाएं, मनोरंजन कर सकें।’

कभी सिद्धार्थ हाथ लाई कार से रहते थे, आज गैंबोर्गिनी में मिनी कूपर, जिसमें कई शामिल थे कार्तिक के पास इस वक्त मिनी कूपर और लैंबोर्गिनी समेत कई आंकड़े हैं। हालाँकि स्ट्रगल के दिनों में वे एक स्टड हैंड कार से चले थे।

इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं एक स्टैण्डर्ड कार असेंबल था। वो ऐसी कार थी, जिसे कोई फ्री में भी ना देखे। काफी प्राचीन तक उसका उपयोग किया गया था। खैर, मेरे पास पास और कोई पदनाम भी नहीं था, अधिकांश भी नहीं थे कि अच्छी गाड़ी की खरीद-फरोख्त हो। बस काम के लिए लिया गया था।’

———————————- बॉलीवुड से जुड़ी ये खबरें यहां भी पढ़ें.. 1- रवीना@50: जन्मी बीमारी में की शूटिंग:कभी किसिंग सीन नहीं फिल्माया

‘मैं किसिंग सीन्स को लेकर कंफर्ट टेबल पर नहीं हूं। मेरी एक पत्रिका है, मैं उसे कभी भी पार नहीं कर सकता। एक फिल्म में मुझे शॉर्ट ड्रैस ग्राफिक्स को कहा गया है। मैंने साफ मना कर दिया। मुझे लगता है कि सुंदर दिखने के लिए छोटे कपड़े ज़रूरी नहीं हैं। फिल्में से चलती हैं, न कि हीरोइनों के छोटे-छोटे परिधानों से।’ पूरी खबर पढ़ें..

2- अनीस बज्मी बोले- क्लैश को लेकर अजय-रोहित से चर्चा नहीं:कहा- भूल-भुलैया-3 में सब कुछ पहले से बेहतर

अनीस ने भूलभुलैया-3 को एक लार्जर डैन लाइफ मूवी बताया है। उनका कहना है कि पिछली फिल्म की तुलना में यह हरमन्स में बनी है। कहानी, म्यूजिक, स्पेशल इफेक्ट्स और स्टारकास्ट की तुलना पहले काफी बड़ी है। पूरी खबर पढ़ें..

खबरें और भी हैं…



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *