कन्ना निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज हुई थी। अब इसके दो वर्जन के लिए रिलीज की तारीख तय हो चुकी है।
कैनसस स्टारर फिल्म ‘इमरजेंसी’ के क्वेरेन जी-स्टूडियोज ने फिल्म की रिलीज और सेंसर असिस्टेंट की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
यह याचिका रविवार 4 सितम्बर को न्यायमूर्ति बी.पी. कोलाबावाला और फ़िरदौस पूनीवाला की बेंच में सुनी गई।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि वह सीबीएफसी को सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश देना बेकार है, क्योंकि यह एमपी हाई कोर्ट के आदेश का खंडन होगा।
कैनन रनोट निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी।
6 सितंबर को रिलीज होगी नो हो क्रिस्टोफर फिल्म
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में इतनी जल्दी ऑर्डर नहीं दिया जा सकता। 18 सितंबर तक इस मामले में फैसला लिया जाएगा और 19 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। ऐसे में अब कांगो की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज नहीं हो सकती।
बोर्ड 13 सितंबर से पहले आपत्तियां क्लीयर करें
सुनवाई अदालत ने सीबीएफसी को निर्देश दिया कि वह फिल्म को लेकर जो भी आपत्ति जताए उसे 13 सितंबर से पहले मंजूरी दे दी जाए।
साथ ही किसी ने बोर्ड को फटकारते हुए कहा कि फिल्म पर करोड़ों रुपए होते हैं। आप गणपति उत्सव के नाम पर छुट्टी पर एलएलसी एसोसिएटेड विषय पर अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं ले सकते।
इस फिल्म में कांगो, पूर्व इंदिरा गांधी के रोल में नजरें शामिल हैं। अनुपम खेर और श्रेयस तलपड़े भी अहम रोल में होंगे।
टेलीकॉम देखकर कैसे अनुमान लगा सकते हैं: कोर्ट
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि टेलीविजन देखने के बाद फिल्म को दर्शक ने गलत पाया और इसका विरोध करना शुरू कर दिया। टेलीकॉम देख के वो कैसे अनुमान लगा सकते हैं?
टीचर्स कि नागालैण्ड सिखा संगत ने फिल्म और उसके टेलीकॉम पर प्रस्ताव की मांग की, एमपी हाई कोर्ट में इस पर प्रतिबंध लगाने की अपील की गई थी।
कोर्ट ने सीबीएफसी के वकील को झटका दिया
इससे पहले कोर्ट में सीबीएफसी के वकील ने कहा था कि कांगो की फिल्म को पहले एक सिस्टम जनर द्वारा निर्धारित मेल दिया गया था, लेकिन बाद में दीवानगी के कारण इसे रोक दिया गया।
साथ में ही कहा गया कि निकोलस को ईमेल किया गया था, लेकिन कभी भी फिलीपी कॉपी पोस्ट नहीं की गई।
कोर्ट ने सीबीएफसी से पूछा कि क्या आप सिस्टम जेनर द्वारा निर्देशित ईमेल कैसे भेज सकते हैं? कोर्ट ने सीबीएफसी के वकील से पूछा कि उनके अधिकारियों ने फिल्म का आकलन और प्रमाण पत्र क्या शुरू किया तो उन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? कोर्ट ने उस अधिकारी को जमानत पर रिहा कर दिया।
बॉम्बे हाई कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
काश इसी तरह आपने एमपी HC में तर्क दिया: बॉम्बे हाई कोर्ट
कोर्ट ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर हम आज आपकी याचिका स्वीकार करते हैं तो हम मध्य प्रदेश कोर्ट के आदेश का खंडन करेंगे।
कोर्ट ने रिजॉल्यूशन से कहा- ‘हम आपके साथ हैं, काश आपने एमपी हाई कोर्ट के सामने भी इसी तरह के चारित्रिक तरीकों से तर्क दिया होता, तो ऐसा नहीं हो सकता था कि सीबीएफसी के सुपरस्टार्स साइन न करें।’ अब हम ऐसे ऑर्डर पर साइन नहीं कर सकते जो सुनाए गए ऑर्डर के विपरीत हों।
अदालत ने दाखिल खारिज की याचिका खारिज कर दी
अंत में कोर्ट ने कहा कि वोटर्स की भर्ती को खारिज नहीं किया जा रहा है। अगर इसमें एक हफ्ते की देरी है तो कोई आसमान नहीं गिरेगा। मेक्सिको सिटी को पहले ये डीलर्स एमपी हाई कोर्ट के समसामयिक स्थान पर रखने चाहिए।
इस याचिका में दावा किया गया है कि सेंसर बोर्ड ने गलत तरीके से और अवैध रूप से फिल्म का सेंसर बोर्ड बंद कर रखा है।
कैनोट के प्रोडक्शन हाउस की ओर से वकील ने कहा- हम फिल्म में कोई बदलाव नहीं करेंगे और फिल्म को उसी तरह रिलीज करेंगे, जिस तरह सीबीएफसी ने इसे सील कर दिया है।
कोर्ट में फिल्म के रिकॉर्ड्स ने यह भी तर्क दिया कि फिल्म के लिए 1800 सिनेमाघर बुक हैं और लोगों ने एडवांस्ड टिकटें बुक की हैं। इसकी रिलीज तलने से को काफी नुकसान होगा।
जी ने कहा- इससे हमें काफी नुकसान होगा
बॉम्बे हाई कोर्ट में फिल्म की डायरेक्टरी की याचिका में कहा गया है कि एसोसिएट्स को सिनेमैटोग्राफ एक्ट का उल्लंघन है। इस अधिनियम के अनुसार, 5 दिनों के भीतर प्लास्टिक को प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित प्रारूप में सूचित किया जाना चाहिए।
जी का तर्क है कि इस सासायटी के बिना वे फिल्म नहीं दिखाएंगे और उनमें उन्हें काफी नुकसान होगा। 1800 सिनेमाघर बुक हैं और लोगों ने एडवांस्ड टिकटें बुक की हैं। यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अस्थिरता को आगे बढ़ाने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन भी होगा।
एमपी हाई कोर्ट ने कहा था कि मामला विचाराधीन है
इससे पहले, सीबीएफसी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्ट सर्ट अस्सिटेबल) ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उन्होंने अभी तक फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट नहीं दिया है। कहा गया था कि कंगारू रनोट की फिल्म पर अभी भी विचार किया गया है और 6 सितंबर को रिलीज नहीं होगी।
फिल्म पर बैन लगाने के बाद कंगना ने बयान दिया था कि वो इसे बिन कट के ही रिलीज करते हैं।
फिल्म को बिना कट रिलीज करना चाहते हैं कंगाल
फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर सिख कलाकारों ने आरोप लगाया है कि फिल्म में उनके समुदाय और उनसे जुड़ी कहानियों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
इसके बाद सीबीएफसी ने फिल्म के प्लास्टर पर रोक लगाने के लिए कुछ सीन हटाने का आदेश दिया। हालाँकि, फिल्म के निर्देशक कन्नाडू को यह विचार नहीं आया। उनका कहना है कि वो फिल्म को बिना काटे-छांट के ही रिलीज कर देते हैं।
फिल्म ‘इमरजेंसी’ में कांगो ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल प्ले किया है। इसमें उनके श्रेयस तलपड़े और अनुपम खेर जैसे कलाकार भी नजर आएंगे।
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कैन्ट रनोट ने कहा है कि वे अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए कोर्ट में चुनौती देंगे और इसे बिना किसी कट-चांट के रिलीज होने से रोकेंगे, क्योंकि वे इस बात से सहमत नहीं हैं कि वे चाहते हैं।