कैंट रनोट की फिल्म मच्छरदानी में है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, हालांकि देश भर में अलग-अलग विचारधारा में प्रदर्शन किया जा रहा है और अलग-अलग फिल्मों की रिलीज की तारीख तय की जा चुकी है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म से साइबेरियाई सीन हटाने के आदेश दिए हैं, हालांकि कैंट रेनोट की पसंद तो फिल्म को बिना कट के ही रिलीज किया जाएगा। एक्ट्रेस ने कहा है कि वो कोर्ट में लड़ेंगी और अनकट वर्जन रिलीज सुपरस्टार हैं, क्योंकि वो असल में नहीं बचे हैं।
कैनन रनोट ने हाल ही में शुभांकर मिश्रा के प्रोडक्शन हाउस में फिल्म पर रोक की झलक पर कहा है, झाड़-फूंक के पीछे लड़का-लड़की घूमते हैं, वही दकियानूसी धमाका कहानी रहते हैं। आज हम इससे डरेंगे, कल किसी और से डरेंगे। फिर लोग हमें देखना शुरू कर देंगे। हम हर वस्तु से पवित्र रहते हैं। हम कब तक डरेंगे। मैंने अपने पूरे रूम से फिल्म बनाई है, सेंसर बोर्ड पर कोई भी चीज प्वाइंट आउट नहीं मिल रहा है। उन्होंने मेरा साकीत खरीदा है, लेकिन मुझे पता है कि मेरी फिल्म का अनकट वर्जन ही रिलीज कर दिया गया है। मैं अदालत में वकील इसे अनकट रिलीज कर गवाह बनाता हूं। मैं अचानक ये नहीं दिखा सकता कि इंदिरा गांधी आप ही घर में मर गईं। मैं इसे ऐसे नहीं दिखा सकता।
जब कैन ने उनसे मिल कर जान से मारने की धमकी देने वालों से पूछा, तो उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह बात मुझसे कही जाएगी। मैंने अपनी फिल्म 4 इतिहासकारों के मार्गदर्शन से बनाई है। इसमें से कुछ तीन गौरवपूर्ण हैं, जो इस दौरान (इमरजेंसी) जेल भी गए हैं। मुझे एक एंट्रेन्स्टल भी मिल गया था। हमारे लिए बहुत सारी साड़ी वाली चीजें भी देखने वाली हैं कि आज कैसे गन पॉइंट पर कोई सिस्टम चलाया जा सकता है। इसके आगे अगर हम इंटरनेट टेक छोड़ देंगे, तो हमारा भी क्या भविष्य है।
एक्ट्रेस ने कहा, ये महाराष्ट्र से बंद हो गया. लोग महिलाएं से ग्लास-टैक्सी बनाते हैं और इसका कोई ख़राब परिणाम नहीं है। पंजाब से भी हर तरह की गली-मसाणा मिल रही है। जब लोगों को छूट मिल जाती है। जब गिल से कुछ नहीं हुआ तो घटिया बात हो गई, फिर से लात मारी गई, फिर जिंदा जला दी गई। आप देखें कि जब छूट छूट है, तो तीन किश्तें कितनी बढ़ती जा रही हैं। सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे ही वोशी दरिंदे लोग दमागर धमकियां दे देते हैं, ये देश की सच्चाई है।
धमाकियों से डरने के सवाल में कंगना ने कहा है, मैंने पहले भी कहा था कि लोग आपके निधन से भी बुरा हाल कर सकते हैं। ये मेरा काम है. मैंने इतनी मेहनत की है। रिलीज से 4 दिन पहले आप जोर-जबरदस्ती, बिना वजह फिल्म रुकवा रहे हैं। ये भी तो आप बहुत बड़ी क्षति पहुँचा रहे हैं। यकीन मुझे नहीं होता कि इस देश में हम आज के दौर में, सोशल मीडिया के दौर में इसे फेसबुक कर रहे हैं।
फिल्म के खिलाफ मुंबई में विरोध प्रदर्शन हुआ
फिल्म के रविवार को मुंबई के 4 बंगले स्थित गुरुद्वारे के बाहर सिख कम्यूनिटी ने प्रदर्शन किया। सिख समुदाय का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक स्मारकों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। सिख समुदाय ने मांग की है कि फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और कांड का सीक्वल एक्शन भी लिया जाए।
नवयुगल अगुआई करने वाले जसपाल सिंह सूरी ने कहा, ‘कंगना को हर जगह से मांगनी चाहिए। उन्होंने कालसा पंथ को नरसंहार बोला है। उन किसानों पर हमला बोल दिया गया, जो अपने हक के लिए रोजी-रोटी पर बैठे थे। अगर वह ऐसा नहीं करती तो उसके आने वाला दिन बहुत बुरा होता है। इसका परिणाम बहुत बुरा होगा।
उन्होंने यह फिल्म हिंदू, मुसलमानों और सिखों को लड़ने के लिए बनाई है। अगर ये फिल्म रिलीज हुई तो जगह-जगह पर दंगे होंगे, कालिकाआम होंगे। यह ‘उपयोगकर्ता की हरकत’ है और वह (कंगना) ‘उपयोगकर्ता’ की मांग करती है।’
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय में जिस समय वास्तुविद्या का निर्माण हुआ था, उस समय यह काम शुरू हो गया था। फिल्म में कांके ने इंदिरा गांधी का रोल प्ले किया है। वहीं अनुपम खेर, महिमा चौधरी, श्रेयस तलपड़े जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं।