IC-814 series in controversy for misrepresenting facts: असल हाईजैक में मौजूद पैसेंजर बोलीं- हमने आतंकियों के साथ अंताक्षरी खेली थी, सबसे दोस्ती हो गई थी

IC-814 series in controversy for misrepresenting facts

आईसी 814 की श्रृंखला – द धार हाईजैक कांड की गड़बड़ी ठीक जाने पर मस्जिद में है। सीरीज में डिस्क्लेमर के साथ उनका असल नाम एड कर दिया गया है। इसी बीच 1999 में हाईजैक की टाइम फ्लाइट में एक यात्री का बयान सामने आया। उन्होंने बताया कि हाईजैक के चौथे और 5वें दिन उनकी हाईजैकर्स से दोस्ती हो गई थी। अफगानिस्तान में हुई लैंडिंग से पहले उन्होंने अंताक्षरी के साथ भी फिल्म बनाई थी।

 

हाल ही में एक वेबसाइट के विवरण में हाईजैक के दौरान उड़ान में मौजूद यात्री इप्शिता मेनन ने हाईजैक का अनुभव साझा किया है। उन्होंने बताया कि वो उस समय 24 साल की थी। 24 दिसंबर 1999 को हनीमून खत्म होकर काठमांडू से भारत वापस आया और एयर इंडिया की उड़ान के लिए घर आया।

हाईजैक के पहले दिन उन्हें लगा कि वो मरने वाले हैं, लेकिन जब हाईजैक के चौथे या 5 वें दिन की उड़ान अफगानिस्तान के पास पहुंची, तो अपराधी काफी शांत हो गए। लोग वो यात्रियों के साथ अंताक्षरी खेल रहे थे। इप्शिता मेनन ने बातचीत में बताया कि वे एक हमलावर का कोडनेम बर्गर थे। जब बर्गर उनके पास गया तो उन्होंने पूछा कि आपका नाम बर्गर क्यों है, आपको बर्गर क्या पसंद है। कुछ इस तरह हो गई उनकी दोस्ती से दोस्ती।

सास ने कहा था- हम एक-एक कर सास-बहू मार देंगे

इप्शिता ने बातचीत में बताया कि 29 दिसंबर को स्क्रैच ने सभी पैसेंजर्स से कहा था कि जो भी भगवान को दर्शाता है, उसे याद कर ले, क्योंकि वो लोग एक-एक कर आत्महत्या करने वाले हैं। हर कोई डर गया। इप्शिता भी रो रही थी फिर उनकी नींद पूरी हो गई। कुछ समय बाद एक अपराधी ने उन्हें जगाया, तो उन्हें लगा कि अब उनकी मौत हो गई है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

2 दिन बाद 31 दिसंबर 1999 को सभी यात्रियों को छोड़ दिया गया। भारत सरकार के आगे जेल में बंद साजि़लों को यात्रियों को छोड़ने की सलाह दी गई थी। यात्रियों के बदले आतंकवादी मसूद तट से 3 यात्रियों को निकाला गया था।

यह पूरी असल घटना पर बनी सीरीज आईसी 814, 28 अगस्त को लाजवाब में रिलीज हुई है, जिसमें विजय वर्मा, दीया मिर्जा, पंकज कपूर, पत्रलेखा अहम कलाकार हैं। रिलीज के बाद सीरीज पर आरोप है कि इसमें कई सीरीज को गलत तरीके से दिखाया गया है। सीरीज में पाठ्यपुस्तक के कोडनेम ‘भोला’ और ‘शंकर’ को शामिल किया गया है, जिस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बकवास चर्चा हेड मोनिका शेरगिल से जवाब मांगा था। अब विवाद बढ़ता जा रहा है सीरीज में कोडनेम और असल नाम से डिस्क्लेमर डाला गया है।

 

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