Teachers Day पर गुलजार की बच्चों के नाम खास कविता: अ, आ, इ, ई सीख लो बेटा, बड़ा होने में काम आएगा, वरना बौने कहलाओगे

Teachers Day

teachers day

जानेमाने कवि गुलजार ने बच्चों और डेलीभास्कर के पाठकों के लिए एक खास कविता लिखी है।

 

अ,आ,इ,इ

सीख लो बेटा

अ, आ, इ, ई सीख लो बेटा

बड़ा होने में काम आ गया

बाकी बौने कहलाओगे

पालने में ही रह बनारस

​जब भी टांगें फैलाओगे

अंतिम अंतिम संयोजनओगे

दोनों हाथ भी

अंगड़ाई न ले पाओगे

सीख लो क, ख, ग, घ, म

जीने में आराम आ गया

अ, आ, इ, ई सीख लो बाबू

आगे काम आ गया

तीन साल की उम्र में बच्चा

‘मातृ भाषा’ बोल रहे हैं

माँ की किताबें पढ़ती हैं

लाड के लडडू मोल लेते हैं

ए, बी, सी, डी भी पढ़ें

चाँद की टाहनी पर चढ़ना

‘अन्तरिक्ष’ सारा, ग़रीब

‘मार्ज’ से भी आगे बढ़ना है

शिक्षा का श्रृंगार है ले लो

संविधान में नाम आया

अ, आ, इ, ई सीख लो बेटा

बड़े होगे जब काम आएगा।

इस कविता का संगीत सीमाब सेन ने तैयार किया है। गुलजार साहब की आवाज में ये कविता सुनने के लिए ऊपर इमेज के वीडियो आइकॉन पर क्लिक करें…

 

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