फोर्ड चेन्नई प्लांट में फिर कारों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी: ढाई से तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन यहां नहीं मिलेंगी कंपनी की कारें


नई दिल्ली7 दिन पहले

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फोर्ड के दो प्लांट में आज़मीनर्स शामिल थे। एक चेन्नई में और एक गुजरात में।

अमेरिकी ऑटो निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर ने भारत में फिर से कारों का विनिर्माण करने का निर्णय लिया है। चेन्नई कंपनी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में कार बनाएगी। यहां बनने वाली गाड़ियों को सिर्फ ग्लोबल मार्केट में एक्सपोर्ट किया जाएगा, लेकिन भारत में नहीं बेची जाएगी।

फोर्ड मोटर ने एक ऑनलाइन रिलीज कर इसकी जानकारी दी। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि मौजूदा कंपनी में 12,000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। अगले तीन वर्षों में यह संख्या 2,500 से 3,000 तक और बढ़ने की उम्मीद है।

कंपनी का गुजरात के साणंद में एक इंजन यूनिट भी है, जो दुनिया भर में फोर्ड का दूसरा सबसे बड़ा सेलेरिड वर्कशॉप है। फोर्ड ने देश में अपने पुराने 10 लाख के सामानों को कस्टमर सपोर्ट के लिए ऑरेशंस जारी रखा है, इनमें कार सर्विस, सामान और बाजार से जुड़े हुए हैं।

2012 में चेन्नई के पास फ़ोर्ड स्लैम में असेंबली-लाइन पर काम करने वाला स्टाफ़।

यहां से सिर्फ एक्सपोर्ट का फ़्लोरिडा कंपनी ने करीब 3 साल पहले भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस बंद कर दिया था। अब तमिल सरकार के साथ मिलकर चेन्नई प्लांट में लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) पर काम शुरू हो गया है। इस प्लांट से कंपनी के फोर्ड+ ने ग्लोबल मार्केट्स में एक्सपोर्ट के तहत प्लान तैयार करने की पेशकश की है।

फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप के प्रेसिडेंट के हार्ट (के हार्ट) ने कहा, ‘हम सीएसी प्लांट के लिए डायरेक्टर्स की तलाश कर रहे हैं, तब हम तमिल सरकार की तरफ से मिल रही मदद के लिए हायर कर रहे हैं।’

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने किया स्वागत हार्ट के साथ लेटर ऑफ इंटेंट के प्रधान मंत्री एमके स्टालिन ने हस्ताक्षर किए। उन्होंने फोर्ड की तमिलनाडू में वापसी पर स्वागत किया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट कर कहा, ‘मैंने फोर्ड के साथ थ्री सेंचुरी ओल्ड पार्टनरशिप फिर से शुरू की है।’

टाटा मोटर्स ने फोर्ड का सांड प्लांट खरीदा पिछले साल जनवरी में टाटा मोटर्स ने अपने ईवी उत्पादन को बढ़ाने के लिए गुजरात में फोर्ड के सांड प्लांट का अधिग्रहण किया था। 2021 में फोर्ड ने कोविड-19 महामारी के दौरान टेलीकॉम और यात्रियों की बिक्री में मंदी के बीच भारत में ऑपरेशन बंद करने की घोषणा की।

2018 में 10 लाख ऑनलाइन का स्टार्टअप था फोर्ड ने 1995 में भारत में महिंद्रा से लेकर ग्रैंड शिप तक का प्रवेश द्वार बनाया था। उस वक्ता कंपनी का नाम महिंद्रा फोर्ड इंडिया लिमिटेड (MFIL) था। फोर्ड इंडिया ने जुलाई 2018 में 1 मिलियन (10 लाख) की वैश्विक बिक्री की थी। टैब कंपनी के प्रेसिडेंट और स्ट्रैटेजिक डायरेक्टर अनुराग मेहरोत्रा ​​ने कहा कि भारत में 10 लाख अरब डॉलर तक पहुंचने पर हमें गर्व हो रहा है। अपने सपनों के विश्वास के लिए हम कर्जदार हैं।

फिगो, एस्पायर, इकोस्पोर्ट जैसी पिज्जा बेचती थी फोर्ड फोर्ड भारत में फिगो, एस्पायर, इकोस्पोर्ट और एंडेवर जैसी कारें बेचती थीं। फोर्ड साणंद (गुजरात) और मरईमलाई (चेन्नई) प्लांट में अपने बिजनेस की मैन्युफैक्चरिंग करती थी। इसमें करीब 4000 कर्मचारी कार्यरत थे। संस्था में 11,000 से अधिक कर्मचारी थे।

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