Real cabin crew chief angry at showing mistakes in IC-184
29 अगस्त को रिलीज हुई वेब सीरीज IC 814- द कंधार हाईजैक कॉन्स्टेंसी में है। असल घटना पर आधारित इस सीरीज में वैज्ञानिकों का नाम हिंदू घोषित किया गया था, जिसका विरोध किया जा रहा है। केस कोर्ट तक पहुंच और कोर्ट ने आदेश में बदलाव करने के आदेश दिए। इसी बीच अब असल घटना के समय मैदान में मौजूद क्रू मेंबर चीफ अनिल शर्मा की फिल्म में हकीकत की गलतियां सामने आई हैं। उनका कहना है कि सीरीज़ में एक-दो नहीं बल्कि आधी क़ीमतें ग़लतियाँ हैं।
बता दें कि सीरीज 1999 में हुई हाईजैक की कहानी है। इस असल इवेंट पर सीरीज बनाने के लिए दो दावों का रिफरेन्स दिया गया है, जिसमें से एक किताब ‘आईए’ज टेरर ट्रेल उस समय के केबिन क्रू प्रमुख अनिल शर्मा ने लिखी है। हालांकि अनिल शर्मा का आरोप है कि सही तथ्य सामने आने के बाद भी निर्देशक अनुभव सिन्हा ने तथ्य गलत बताए हैं।
1999 जब प्लेन हाईजैक हुआ, अनिल शर्मा उस समय ड्यूटी पर थे।
बरखा दत्त से बातचीत में अनिल शर्मा ने भड़कते हुए कहा है, कुछ लोग निर्देशन अनुभव सिन्हा की सराहना कर रहे हैं, वो यकीनन अपने प्लांट को बहुत अच्छे से खत्म कर रहे हैं, लेकिन मेरी एक ही चिंता है कि उन्हें असलियत में हुई उन जरूरतों को पूरा करना चाहिए की क्या सलाह थी, जो वहां असल में बेघर हो गया। उस घटना में एक्शन का बड़ा हिस्सा केबिन के अंदर हुआ था। बहुत ही भयानक वस्तुएं बनी हुई थीं, लेकिन उनमें समान संवेदनशीलता से अलग नहीं किया गया था और उनमें से कोई भी नहीं, छोटी होनी चाहिए थी।
जब अनिल से सीरीज की असहमत के बारे में पूछा गया तो अनिल ने कहा, मैं कम से कम आधा किलो कमियां गिनवा सकता हूं, लेकिन एक असावधानी बताता हूं। उन्होंने दिखाया कि हाईजैकर्स ने एयर होस्टेस को तमाचा मारा था। क्रू का एकलौता व्यक्ति जिस पर उन्होंने हाथ उठाया था वो हमारे सबसे जूनियर फ़्लाइट पार्सर (केबिन मैनेजर), श्रीशेषिर थे। उन्हें सिर के पीछे मारा गया, उनके बाल नोचे गए, कुर्सी पर धक्का दिया गया। हाईजैकर्स को लगा कि उनके साथ वो ऐसा कर सकते हैं।
आगे अनिल शर्मा ने कहा, वे लड़कियों के साथ धक्का-मुक्की नहीं करते थे। मेरे साथ भी नहीं. हालाँकि एक वक्ता पर उन्होंने मेरी गहराई का पता लगाया था। कहो कि मेरे शरीर का कोई हिस्सा नहीं था, उनकी खोज न ली हो। मुझसे इस बात पर सवाल उठाया गया कि फ्लाइट में क्रू के साथ घटित होना कैसे दिखाया जा सकता है।
अनिल ने आगे कहा कि शो में एक देश के नाम पर एक वजह बताई गई है और इस बात पर बहस हो सकती है कि सरकार नाकाम हो सकती है। रही या कुछ कर नहीं एसोसिएट। लेकिन ऐसा दिखाना ठीक नहीं है। इसमें यह भी दिखाया गया है कि यह घटना आज एक साधारण सी दिखने वाली घटना है।
लॉजिस्टिक कि सीरीज में ‘भोला’ और ‘शंकर’ जैसे हिंदू आश्रमों का इस्तेमाल किया गया है, जबकि असलहों पर हमलावर हिंदू थे। इस पर विवाद इतना बढ़ गया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पाठ्यपुस्तक चर्चा प्रमुख मोनिका शेरगिल को अधिसूचना सत्यापन की छूट दी। विवाद बढ़ा और कंपनी से हटकर प्लांट जाने के बाद अब सीरीज में मछली पकड़ने के असलहे और कोडनेम वाला डिस्क्लेमर एड कर दिया गया है।