Ban on emergency, Manoj Muntashir said – take Kangana to court: उनका फैसला कानून करेगा लेकिन क्या इंदिरा के हत्यारे सिख नहीं थे?

Ban on emergency, Manoj Muntashir said – take Kangana to court

फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी गई। इसी बीच फिल्म के गीतकार मनोज मुंतशिर, कंगना के समर्थन में उतरे हैं। उन्होंने सिख समुदाय के लोगों से विरोध की अपील की है। मनोज का कहना है कि इस फिल्म को सिर्फ कैन्सा ने नहीं बल्कि 500 ​​क्रू ने मिलकर बनाया है, जिसमें साथ ना होना चाहिए।

 

क्या बोले मनोज मुंतशिर?

मनोज मुंतशिर ने कुल मिलाकर एक वीडियो पोस्ट किया है। वीडियो में राइटर ने कहा, 6 सितंबर को फिल्म रिलीज नहीं होगी, क्योंकि फिल्म को सेंसर नहीं मिला। लेकिन ये शास्त्र का खेल आधा-अधूरा क्यों खेला जा रहा है, पूरा खेलना चाहिए। हाथ में एक और रसायन शास्त्र लेना चाहिए कि हम अभिव्यक्ति की आजादी (फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन) का सम्मान करने वाले लोग हैं। छोड़िए ये महानता का ढोंग। एक फिल्म तो दर्शकों को नहीं हो रही, अभिव्यक्ति की आजादी क्या नजरअंदाज होगी।

Ban on emergency, Manoj Muntashir said - take Kangana to court
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आगे मनोज मुंतशिर ने कहा, माल्टा क्या है? इस फिल्म में इंदिरा गांधी की निर्मम हत्या दिखाई गई है। तो क्या इंदिरा जी की मृत्यु रोड़ क्रांतिकारी में हुई थी? उनका निधन नहीं हुआ था? ये है कि उनके हत्यारे को दिखाया गया है, तो क्या सतवंत सिंह और बेटे नहीं थे? कह रहे हैं सिख समुदाय को इससे मतलब है।

मैं पढ़ाई के लिए तैयार नहीं हूं कि एक ओंकार गौतम बोल्कर सच्चाई के साथ बेखौफ होने वाले हैं, किसी भी फिल्म में सच से डर गए हैं। सिख भारतवर्ष के इतिहास का स्वर्णिम पन्ना हैं। जब सिर पर केसरी पगड़ी फैले हुए होते हैं, तो पूरे देश में उनका आकार दिखता है। क्योंकि वह पगड़ी की सिलवट से हमारे महान गुरुओं की शौर्य गाथा है।

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आगे उन्होंने कहा, सतवंत और बेअंत हत्यारे की तरह हैं, समर्थकों की सुरक्षा की कीमत एक ही के बेडन में गोलमाल निष्कासन है। कोई अपने कातिल-ओ-हवास में सतवंत सिंह और बेंत को अपना हत्यारा कैसे समझ सकता है। सतवंत और बेअंत के गुल्हों का मोर्टार 1984 में बेकसूर सिखों को मिला। ये भारत के इतिहास का नक़्शा ही काला पन्ना है, धीरे-धीरे दिखाया गया है, लेकिन सिखों ने कभी विक्टिम कार्ड नहीं दिखाया। भारत से दुश्मनी नहीं की।

1984 के बाद बनी सरहदों पर प्राण लपकों की सूची में भी सिखों की गिनती किसी से कम नहीं निकलेगी। ऐसी वीर जाति किसी भी फिल्म से डर जाए, ये कैथोलिक धर्म से मैं इनकार करता हूं।

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कन्नो की फिल्म के खिलाफ मुंबई में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

सिख समुदाय से मनोज मुंतशिर की खास अपील

मनोज ने आगे कहा कि,कंगना रनोट से आप भी जो याचिका दायर कर कोर्ट में ले जाइए, उनका निर्णय न्याय व्यवस्था की व्यवस्था है। लेकिन ये फिल्म अकेली कंगना की नहीं है। 500 लोगों के क्रू ने अपना प्यासा बेचकर फिल्म बनाई है। आपकी होती हुई बेइन्साफ़ी नहीं होनी चाहिए।

सेंसरबोर्ड पर आपके नाम पर जो दबाव बनाया जा रहा है, उसका खंडन किया गया है। वो राजनीतिक है, नैतिक नहीं। कुछ डरे सहमे लोग किसी को प्रतिनिधित्व नहीं करना सिखाते। कहिए कि आपकी सच्चाई न किसी फिल्म की मोहताज है और न किसी फिल्म से डरती है।

रिलीज के बाद अगर आपको लगता है कि फिल्म में कुछ गलत दिखाया गया है, तो उसका विरोध करिए, मैं भी आपके साथ खड़ा हूं। हमें आपकी सहायता और न्याय प्रियता पर सदैव विश्वास है। हम जानते हैं कि जिन सिखों की आवाजें बुलंद के हक में नहीं हो सकतीं।

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कैन्ट रनोट ने कहा है कि वे अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के लिए कोर्ट में चुनौती देंगे और इसे बिना किसी कट-चांट के रिलीज होने से रोकेंगे, क्योंकि वे इस बात से सहमत नहीं हैं कि वे चाहते हैं। यह फिल्म 6 सितंबर को रिलीज हुई थी, लेकिन इसका प्रदर्शन खराब हो रहा है। दस्तावेज़ों का विवरण दिया गया है। इन सभी कारणों से फिल्म की रिलीज की तारीख दी गई है। सेंसर बोर्ड ने इस तरह से सेमेस्टर सीन हटाने का आदेश दिया है।

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फिल्म के रविवार को मुंबई के 4 बंगले स्थित गुरुद्वारे के बाहर सिख कम्यूनिटी ने प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक स्मारक को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उनकी मांग है कि फिल्म पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए और कंगना पर सीक्वल एक्शन की जाए। सुपरस्टार की अगुआई करने वाले जसपाल सिंह सूरी ने कहा, ‘फिल्म रिलीज हुई तो दंगा होगा, हंगामा होगा। यह ‘उपयोगकर्ता की हरकत’ है और वह (कंगना) ‘उपयोगकर्ता’ की मांग करती है।

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दैनिक भास्कर के साक्षात्कार में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर गैर-कानूनी हिंसा फैलाई जा रही थी। रेप और हत्याएं हो रही थीं वहां। किसान बिल वापस ले लिया गया वर्ना इन विद्रोहियों की बहुत लंबी रचना थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय में जिस समय वास्तुविद्या का निर्माण हुआ था, उस समय यह काम शुरू हो गया था। फिल्म में कांके ने इंदिरा गांधी का रोल प्ले किया है। वहीं अनुपम खेर, महिमा चौधरी, श्रेयस तलपड़े जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं।

 

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