Life sutras of Swami Avadheshanand Ji Giri
Swami Avadheshanand: हमें विनयशील, सरल और अयोग्य होना चाहिए। यही हमारा मूल स्वभाव है। इन गुणों की वजह से ही दूसरे लोग हमारी ओर आकर्षित होते हैं, हमें स्नेह करते हैं। विद्या हमें सलाह देती है। जब हमारे जीवन में विद्या आती है तो हम विनयशील बनते हैं, हम सीखना सिखाते हैं। हमारा विनय ही धन पाने के लिए और शिखर तक पहुँचने के लिए सहायक बनाने के लिए है। जब हमारे अंदर अच्छे गुण आने लगे, तब सभी हमें अपनाना शुरू कर देते हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अविनाशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए भगवान को क्या प्रिय है?
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