वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीने (अप्रैल-अगस्त) में 8,659 करोड़ डिजिटल शेयर्स बढ़े और इनके जरिए कुल 1,669 करोड़ रुपये की राशि शेयर की गई। वित्त वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए और 1,962 करोड़ करोड़ रुपये की राशि दर्ज की गई।
इस दौरान ट्रांसपोर्टेशन की संख्या 44% से अधिक है। वहीं, ट्रांजैक्शन से जुड़ी राशि भी करीब से हो गई है। वित्त मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है।
वित्त वर्ष 2018 से 2024 के बीच 138% की सीएजीआर से बढ़ी यूपीआई ट्रांजेक्शन
वहीं, युनिवर्सिटी लिमिटेड कंपनी लिमिटेड ने यूपीआई के ट्रांजैक्शन की वैल्यूएशन 138% की सीएजीआर यानी कंपनी की एनुअल वैल्यूएशन रेटिंग से 1 लाख करोड़ रुपये से लेकर 200 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इसके अलावा, पिछले 5 महीनों (अप्रैल-अगस्त वित्त वर्ष 2024-25) में कुल स्टॉक एक्सचेंज 101 लाख करोड़ रुपये हो गए हैं। इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय ने दी है।
अगस्त में रिकॉर्ड 1,496 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन हुआ
अगस्त में UPI (यूनिवर्सिटी पैट्रोल बैलेंस) के जरिए 1,496 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ। इस दौरान कुल 20.61 लाख करोड़ रुपए की राशि जमा हुई। पिछले साल अगस्त में टेलीकॉम ट्रांसपोर्ट की संख्या में 41% की बढ़ोतरी हुई है।
अगस्त 2023 में UPI के जरिए 1,059 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ और इसके जरिए 15.77 करोड़ लाख रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। एक साल में यह माउंटेन करीब 31% बढ़ा है। 2024 में डेली एवरेज ट्रांजेक्शन की बात करें तो यह 48 करोड़ 30 लाख रुपये रही और मासिक अगस्त में यह औसत 66,475 करोड़ रुपये की राशि रही।
यूपीआई को एनसीपीआई संचालित करता है
भारत में आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम का संचालन आरबीआई के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पैट्रोल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) संचालित करता है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से यूपीआई ट्रांज़ैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ट फ्रेमवर्क की मैंडेटरी की थी।
UPI कैसे काम करता है?
UPI सेवा के लिए आपके पास एक पोर्टेबल एड्रेस तैयार होना है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक नंबर, बैंक का नाम या आईएफएससी कोड आदि याद रखना जरूरी नहीं है। अपडेट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर से पैनाल्टी रिक्वेस्ट अपलोड करता है।
अगर, आपके पास अपना यूपीआई आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने मोबाइल फोन से आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल बैलेंस, ऑनलाइन शॉपिंग, शॉपिंग आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप युनिवर्सिटी पैमाइश बैलेंस सिस्टम से कर सकते हैं।
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